Mansi savita

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लेखनी कहानी -12-Dec-2022

हार कर न बैठ ए मुसाफिर
तुझे अभी गगन को छूना है
चल अभी जब तक मंजिल न मिले
कठिन है राह जब तक हल न मिले
चल अभी जब तक मंजिल न मिले
कठिन है राह जब तक हल न मिले
कर मेहनत तुझे कामयाब होना है
जीत कर तुझे हार को मिटा देना है
हार कर न बैठ ए मुसाफिर
तुझे अभी गगन को छूना है
मिलेंगे राह में तमाम कांटे तुम्हे
अपने भी छूट जाएंगे राह में
रोना भी आएगा तो आसू छिपा
नही जायेगा
कर मेहनत तुझे जवाब देना 
बना पहचान खुद की तुझे
नभ को छूना है
हार कर न बैठ ए मुसाफिर
तुझे अभी गगन को छूना है
तू हार गया जिंदगी में तो 
जिंदगी जीतने नही देगी
मस्ती में मग्न हो जा क्योंकि
तुम्हे सफलता का कोहराम
मचाना है
थक कर मत बैठ मुसाफिर 
तुझे बहुत आगे तक जाना है।।

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2 Comments

Punam verma

13-Dec-2022 09:08 AM

Very nice

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Abhinav ji

13-Dec-2022 08:11 AM

Very nice

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